हर हर मोदी, घर घर मोदी का नारा 2022 में क्या रंग लायेगा


(सत्ता की शान)
लखनऊ,11 जनवरी। भाजपा हर हर मोदी, घर घर मोदी के नारे के साथ आम चुनाव में उतरी और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई। चुनाव में नारे का महत्व देश में लगी इमरजेंसी के दौरान बढ़ा। कांग्रेस को पराजित करने के लिए जनता पार्टी के रूप में एकत्र हुए विपक्ष ने इंदिरा गांधी को परास्त करने के लिए जोरदार नारा इजाद किया और यह नारा मतदाताओं को प्रभावित करने में कामयाब रहा। महंगाई और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता पार्टी के बीच नारा खा गई शक्कर पी गई तेल, यह देखो इंदिरा का खेल, इंदिरा हटाओ, देश बचाओ लेकर आई और इस नारे ने इंदिरा गांधी को सत्ता से बेदखल कर दिया। इसके बाद 1984 में आम चुनाव में इंदिरा गांधी की शहादत के बाद कांग्रेस का नारा देश में धूम मचा गया। श्जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा नाम रहेगा इस नारे के सामने विपक्ष पूरी तरह से मात खा गया और पूरे देश में कांग्रेस छा गई। इसके बाद 1991 में प्रदेश के चुनाव में कल्याण सिंह के नेतृत्व में राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगेश् नारे ने खूब धमाल मचाया और भाजपा सत्ता पाने में कामयाब हो गयी। सन् 1993 में मुलायम सिंह और कांशीराम के मध्य हुए गठबंधन के बाद नारा ईजाद हुआ मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम इस नारे के बदौलत सपा बसपा गठबंधन सत्ता पाने में कामयाब रहा। 1996 और 1998 में हुए विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में सपा का नारा श्जिसका जलवा कायम है, जिसका नाम मुलायम हैश् सपा के लिए काफी कारगर साबित हुआ था। इसके बाद 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में बसपा का नारा श्हाथी नहीं गणेश है, ब्रह्मा विष्णु महेश व ब्राह्मण शंख बजाएगा, हाथी बढ़ता जाएगा बसपा को सत्ता तक पहुंचाने में कारगर साबित हुआ था। इसके बाद 2014 में भाजपा हर हर मोदी, घर घर मोदी के नारे के साथ आम चुनाव में उतरी और पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने में कामयाब हुई। योगी है तो यकीन है। मुख्य प्रतिद्वंदी सपा ने 22 में बाइसिकिल एवं श्समाज के हर शोषित वर्ग के साथ हूं, मैं लोहिया मुलायम-अखिलेश का समाजवाद हूं। यह नारे मतदाताओं को कितना प्रभावित करेंगे।