(सत्ता की शान)
नई दिल्ली,24 नवम्बर। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को साफ शब्दों में कहा है कि अगर अगले साल 26 जनवरी से पहले तक किसानों की सभी बची 6 मांगें मान ली जाएंगीं तो वे दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (सिंघु, शाहजहांपुर, टीकरी और गाजीपुर) से चले जाएंगे। दिल्ली-उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बार्डर (यूपी गेट) पर किसानों के धरना प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने दिल्ली बार्डर खाली करने के लिए अब नई शर्त रख दी है। इस शर्त के बाबत राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को इशारों-इशारों में नया अल्टीमेटम दिया है। गाजियाबाद के सदर गांव में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने घोषणा की है तो वो प्रस्ताव ला सकते हैं लेकिन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य और 700 किसानों की मृत्यु भी हमारा मुद्दा है। सरकार को इसपर भी बात करनी चाहिए। 26 जनवरी से पहले तक अगर सरकार मान जाएगी तो हम चले जाएंगे। चुनाव के विषय में हम चुनाव आचार संहिता लगने के बाद बताएंगे। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि संघर्ष से ही समाधान का रास्ता मिल निकला है तभी सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लिया है। ऐसे में अब सरकार के पास 35 दिन का टाइम है। अपने घोषणा पत्र के मुताबिक एक जनवरी 2022 में वह किसानों की आमदनी दोगुना करने वाली थी जो नहीं कर पाई एक जनवरी से किसानों की मांगों में यह मांग भी जुड़ जाएगी।
किसान आंदोलन: मोदी सरकार के पास सिर्फ 30 दिन का टाइम: राकेश टिकैत
