(सत्ताा की शान)
लखनऊ 12 नवंबर कुराने मजीद और पैगम्बर-ए-इस्लाम (स.अ.व.स) की अहानत के मुजरिम मुरतद वसीम रुश्दी के खिलाफ आसिफी मस्जिद में नमाजे जुमा के बाद विरोध प्रदर्शन किया गया जिसमे उलेमा, खुतबा, शोअरा और बड़ी तादाद में मोमनीन शरीक कीे मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने तमाम इदारों, तंजीमों, उलेमा, खुतबा, शोअरा और मोमनीन ने शिरकत की। प्रदर्शन में उलेमा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है कि वसीम रिजवी अपने राजनीतिक लाभ और सस्ती प्रसिद्धि के लिए इस्लाम और पवित्र हस्तियों के खिलाफ जहर उगल रहा है। कुरान-ए-मजीन और पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब को अपमानित कर रहा है। निंदनीय है कि सरकार और प्रशासन की तरफ से अब तक उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गयी। उलेमा ने कहा कि हमारा संविधान किसी भी धर्म या साम्प्रदायिक की पवित्रता को अपवित्र करने और पवित्र धार्मिक हस्तियों का अपमान करने की अनुमति नहीं देता। यदि ऐसे लोगों के खिलाफ शरारती तत्वों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं की गयी तो हमारे देश की अखण्डता और शांति खतरे मेें पड़ जायेगी। हमारी मांग है कि वसीम रिजवी और उसके साथियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये ताकि मुसलमानों का भारत के संविधान पर विश्वास कायम रहे। पांच सूत्रीय सर्वसम्मति ज्ञापन भी प्रस्तुत किया गया जिसमें 1. जिसमें कहा गया कि वसीम की करतूतों पर लगाम कसा जाये, धार्मिक हस्तियों एवं किताबों के अपमान के माध्यम से जो कोशिश वसीम कर रहा है
उसके खिलाफ कार्यवाही की मांग की। 2. मोहम्मद साहब के अपमान में प्रकाशित पुस्तिका की बिक्री एवं विज्ञापन पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाये और लेखक और प्रकाशक के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाये। 3. वसीम रिजवी को हम लोग इस्लाम से खारिज मानते है तत्काल वक्फ बोर्ड की सदस्यता खत्म की जाये। 4. जो लोग पवित्र धार्मिक हस्तियों का अपमान कर रहे है उन पर कानूनी कार्यवाही की जाये। 5. जिन शरारती तत्वों एवं संगठनों के साथ वसीम रिजवी इस्लाम कुरान-ए-मजीद और पैगम्बर इस्लाम की तौहीन कर रहा है और देश में साम्प्रदायिक दंगे भड़काने की कोशिश कर रहा है उन पर भी कानून के अनुसार कड़ी कार्यवाही की जाये।