लखनऊ से आए पांच डॉक्टरों के पैनल ने मृतक किसान का दोबारा पोस्टमार्टम किया। इसके बाद किसानों के परिजन संतुष्ट हुए और फिर उन्होंने मृतक का अंतिम संस्कार किया।
लखीमपुर में हुई हिंसा में चार किसानों की मौत हो गई थी, जिनमें दो किसान बहराइच के थे, जिनका पोस्टमार्टम लखीमपुर में हो गया था लेकिन एक मृतक गुरविन्दर के परिवार वाले पोस्टमार्टम रिपोर्ट को मानने को तैयार नहीं थे। वह दोबारा पोस्टमार्टम अपने डॉक्टरों के सम्मुख कराना चाहते थे। इसके बाद रात को बुधवार तड़के 4.30 बजे दोबारा पोस्टमार्टम किया गया। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है। इसके बाद मृतक के परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार किया।
सीएमओ की निगरानी में हुआ पोस्टमार्टम
जिला अधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने बताया कि लखीमपुर हादसे में मरे हुए लोगों में दो युवक हमारे जनपद के हैं, जिनमें से एक के परिजनों द्वारा प्रथम पोस्टमार्टम पर सन्देह किया गया और उसे मानने से इनकार किया गया था। इस पर शासन की प्राथमिकता है कि निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से न्याय व्यवस्था में किसी का हस्तक्षेप न हो। उन्होंने आगे कहा कि परिजनों के अनुरोध पर दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया है। लखनऊ से आई डॉक्टरों की टीम द्वारा सीएमओ की देख-रेख में पोस्टमार्टम कराया गया और उसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई।
लखीमपुर की घटना में जान गंवाने वाले गुरुविंदर के घर पंजाबी फिल्म अभिनेत्री सोनिया मान भी पहुंची। किसान आंदोलन समर्थक मान ने मृतक स्वजन की ओर से मीडिया के समक्ष पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिखाते हुए आरोप लगाया था कि उसके कान के पास गोली लगी है जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लिखा है कि इन्हें गोली नहीं लगी।