मानव रक्त में मिलावट कर तस्करी करने वाले डॉक्टर और उसके साथी को एसटीएफ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है। आरोपित आसपास के राज्यों में खून की तस्करी करते थे। आरोपितों के पास से एसटीएफ ने 100 यूनिट ब्लड बरामद किया है।एसटीएफ के डिप्टी एसपी अमित कुमार नागर की टीम ने खून की तस्करी व मिलावट कर बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। एसटीएफ की टीम ने 2018 में अवैध तरीके से खून निकाल कर उसको सेलाइन वाटर की मिलावट कर दो गुना कर बेचने वाले गिरोह का खुलासा किया था। इस गिरोह के पांच सदस्यों को मड़ियांव इलाके से दबोचा था। इसके बाद से टीम लगातार ऐसे गिरोहों पर निगरानी कर रही थी। बुधवार को दोनों आरोपियों के बारे में जानकारी मिली। पुलिस ने दोनों को आगरा एक्सप्रेस वे के पास से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गये आरोपियों में डॉ. अभय प्रताप सिंह व अभिषेक पाठक शामिल है। डॉ. अभय प्रताप सिंह सरदार पटेल डेंटल कॉलेज रायबरेली रोड का रहने वाला है। वह वर्तमान में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल कॉलेज सैफई इटावा में तैनात है। वहीं अभिषेक पाठक सिद्घार्थनगर के जमुनी का रहने वाला है।
एटीएफ ने आरोपियों के पास से एक डॉक्टर मेंबरशिप कार्ड, 23830 रुपये नकदी बरामद हुआ। 21 कूटरचित ब्लउ बैंकों के प्रपत्र, दो रक्तदान शिविर का बैनर, एक लग्जरी कार, 100 यूनिट पैक रेड ब्लड सेल्स (पीआरबीसी), एक यूपी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज सैफई का पहचानपत्र, 5 मोबाइल, 5 एटीएम कार्ड, दो पैन कार्ड,एसटीएफ के अधिकारी के मुताबिक गिरोह का मुख्य किरदार डॉ. अभय प्रताप सिंह है। वह सैफई के मेडिकल कॉलेज में बतौर सहायक प्रोफेसर तैनात है। अभय ने 2000 में केजीएमयू से एमबीबीएस, एसजीपीजीआई से 2007 में एमडी ट्रांसफ्यूजन मेडिसन का कोर्स किया है।