हज के लिए इंकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की शर्त खत्म की जाए: मौलाना खालिद रशीद

आजमीन हज के लिए इंकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की शर्त खत्म की जाए: मौलाना खालिद रशीद
इस्लामिक सेन्टर के हज विभाग के तहत हज के विषय पर बात चीत हुई
लखनऊ, 8  नवम्बर।
इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के हज विभाग की एक अहम् बैठक सेन्टर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महल इमाम ईदगाह लखनऊ की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में कोरोना दौर में हज के सफर के सिलसिले में जरूरी बातों पर विचार विमर्श किया गया।
इस अवसर पर मौलाना खालिद रशीद ने हज की अहमियत पर रौशनी डालते हुए कहा कि यह शानदार इबादत 9 हिजरी में फर्ज हुई हज इस्लाम का पाॅचवा स्तम्भ है। यह इबादत खुदा पाक के उन खुशनसीब मालदार बन्दों पर फर्ज होती है जो उसके पवित्र घर यानी खाना काबा तक पहंुच सकते हों। अपने बीवी बच्चों के गुजारे के खर्च के साथ हज के सफर का खर्च बर्दाश्त कर सकते हों। हज के अहकाम और फजीलत कुरान करीम और हदीस में विस्तार से मौजूद है। मकबूल हज का बदला केवल जन्नत है।
मौलाना फरंगी महली ने मालदार मुसलमानों पर जोर दिया कि वह जल्द से जल्द इस हज के फर्ज को अदा करेें। उन्होने कहा कि इस वबा के दौर में सऊदी सरकार और हज कमेटी आफ इण्डिया ने हज 2021ई0 के सिलसिले में जो हिदायत दी हैं उनकी पूरी पाबन्दी की जाए।
मौलाना ने सरकार से निम्नलिखित माॅग कींः
ध् हाजियों को हर सम्भव सुहूलतें पहंुचायी जायें। हज का सफर जो दिन प्रतिदिन महंगा हो जा रहा है उसको सस्ता करने के अवसर तलाश किये जाये।
ध् हज का सफर और अन्य धार्मिक सफरों को जी0एस0टी0 और हर प्रकार के टैक्सों को हटाया जाए। ध् हाजियों के लिए इंकम टैक्स रिटर्न भरने की शर्त खत्म की जायें क्योंकि हाजियों की बड़ी संख्या गाॅव और देहातों के नागरिकों की होती है उनके लिए इस शर्त को पूरा करना असम्भव होगा।
बैठक मेें मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीक़ी, मौलाना मुहम्मद मुश्ताक़,  मौलाना मुहम्मद सुफयान निजामी, मौलाना अब्दुल लतीफ, मौलाना मुफ्ती अतीकुर्रहमान, मौलाना मुहम्मद हारून निजामी, क़ारी मुहम्मद तनवीर आलम, मौलाना अब्दुर्रब, कारी कमरुद्दीन और मौलाना मो0 अजहर शरीक थे।