*हज़रतगंज पुलिस ने सीएए उपद्रव में नाबालिग को गिरफ्तार कर भेजा ज़िला जेल : पुलिस आयुक्त से हुई मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायत*।

अधिवक्ता यशब हुसैन रिज़वी जो लखनऊ के जानेमाने फौजदारी अधिवक्ता हैं, ने संवाददाता को बताया कि थाना हज़रतगंज , लख्नऊ की  पुलिस द्वारा नागरिकता संशोधन कानून के विरोधस्वरूप हुए प्रदर्शन दिनांक १९ दिसंबर २०१९ में मुकदमा अपराध संख्या ६००/२०१९ में एक अवयस्क किशोर संजूर हक़ उर्फ़ संजू अली  (उक्त प्राथमिकी में क्रम संख्या २९ पर गिरफ्तार किये गए)  जो मूलरूप से जनपद मालदा पश्चिम बंगाल का निवासी है , जिसकी जन्मतिथि १३ मार्च २००४ है (अर्थात उक्त व्यक्ति अवयस्क है ) एवं दैनिक मज़दूरी कर के अपना जीवनयापन करता है , को भी अवैध रूप से गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया गया एवं उसको भी जिला जेल में वयस्क कैदियों के साथ में रख कर उसके विधिक एवं मौलिक अधिकारों का हनन किया गया। अधिवक्ता यशब , जो कि ऐसे गरीब, निराश्रित एवं असहाय व्यक्तियों के मुक़दमे निःशुल्क लड़ते हैं, ने बताया कि उनके प्रयासों से अंततोगत्वा संजूर हक़ उर्फ़  संजू अली जमानत दिनांक १५ जनवरी २०२० को हुई एवं ज़मानत का प्रबंध होने के उपरान्त दिनांक ०१ फरवरी २०२० को जेल से रिहा हुआ, जिसके उपरान्त उक्त किशोर स्वयं उनसे आ कर मिला और जिला प्रशासन के द्वारा उसपर ढाई करोड़ रुपये की वसूली से सम्बंधित नोटिस दिखाई , और जवाब बनवाने का अनुरोध किया। इस समय उक्त संजूर हक़ के प्रपत्र एवं आधार कार्ड के अवलोकन मात्र से ये स्पष्ट हुआ की उसकी आयु मात्र १५ वर्ष है , एवं  पुलिस के द्वारा इस बालक के साथ की गयी घोर अवैधानिकताएँ की पुष्टि होती हैं जो यह साबित करती हैं कि गिरफ्तारी के समय संजूर केवल १५ वर्ष का ही था एवं एक किशोर था जिसको वयस्क बंदियों के साथ रखना और उसके साथ किया गया अत्याचार उसके विधिक, मौलिक और संवैधानिक अधिकारों का हनन था इस सम्बन्ध में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम २०१५ की धारा ३ (i ) के अनुसार -“निर्दोषिता की उपधरणा का सिद्धांतः किसी बालक के बारे में, अठारह वर्ष की आयु तक यह उपधरणा की जाएगी कि वह किसी असद्भावपूर्ण या आपराध्कि आशय के दोषी नहीं है।” पुलिस का कृत्य निश्चित रूप से अवैध है।  

हज़रतगंज पुलिस का ये कृत्य न केवल इस अवयस्क बालक के मौलिक , विधिक एवं संवैधानिक अधिकारों का हनन है, वरन एक अवयस्क बालक को वयस्कों के साथ न्यायिक अभिरक्षा में भेजकर उसके साथ घोर अन्याय हुआ है। इन परिस्थितियों मैं उक्त संजूर हक़ के अधिकारों की उपहति कारित करने और उसके अधिकारों के हनन के सापेक्ष एक शिकायत उक्त संजूर अली की और से अधिवक्ता यशब हुसैन रिज़वी ने पुलिस आयुक्त लखनऊ से की है और ये विश्वास जताया है कि उनके अनुरोध के दृष्टिगत पुलिस अवश्य प्रभावी कार्यवाही करेगी और हज़रतगंज पुलिस के इस दुष्कृत्य के सापेक्ष जांच कर दोषियों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही सुनुश्चित करेगी।  अधिवक्ता यशब हुसैन ने संवाददाता को बताया कि यदि इस प्रामाणिक प्रकरण में पुलिस आयुक्त के द्वारा संज्ञान ले कर त्वरित कार्यवाही नहीं की तो वे माननीय  न्यायालय / माननीय मानवाधिकार आयोग में भी ये प्रकरण आगे ले कर जाएंगे और इस किशोर को न्याय दिलाएंगे।