यदि कोई रमजान में मानसिक रोगी हो जाए और फिर ठीक हो जाए तो उस पर कजा रोजा अनिवार्य नहीं है। मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी

4 रमजान 5 मार्च 2025

कार्यालय आयतुल्लाह अल उज़मा सैयद सादिक़ हुसैनी शीराज़ीसे जारी हेल्प लाइन पर नीचे दिए गये प्रष्नो के उत्तर मौलाना सैयद सैफ अब्बास नक़वी ने दिए- नोट- महिलाओं के लिए हेल्प लाइन षुरू की गयी है जिस मे महिलाओं केप्रष्नों के उत्तर खातून आलेमा देेगीं इस लिए महिलाओं इस न0 पर संपर्क करें। न0 6386897124

षिया हेल्प लाइन में तमाम मराजए के मुकल्लदीन के दीनी मसायल जानने के लिए स्ुाबह 10 -12  बजे तक 9415580936- 9839097407 इस नम्बर पर संपर्क करें। एवं ईमेलः उंेंमस786/हउंपसण्बवउ पर संपर्क करें।

प्रश्न-ऑनलाइन ऑफ़िस का काम करते समय यदि अचानक अश्लील तस्वीर या विज्ञापन आ जाए तो क्या रोज़ा टूट जाएगा?

उत्तर-जो पहली नज़र अचानक पड़ती है, उसमें गुनाह नहीं है, लेकिन जानबूझकर दूसरी नज़र डालने पर इंसान गुनहगार होगा, मगर उसका रोज़ा नहीं टूटेगा।

प्रश्न-यदि इंसान सोते समय नापाक हो जाए, मगर लापरवाही के कारण नमाज़ और रोज़ा करता रहे, फिर कुछ दिनों बाद याद आए, तो इस स्थिति में उसका क्या कर्तव्य है?

उत्तर-उसके रोज़े सही हैं, मगर नमाज़ों की क़ज़ा करेगा।

प्रश्न-यदि कोई व्यक्ति जो मानसिक रूप से बीमार था, वह रमज़ान की 15 रमज़ान को स्वस्थ हो जाए, तो उसके लिए पागलपन के दिनों के रोज़ों का क्या नियम है?

उत्तर-जिन दिनों में वह मानसिक रूप से बीमार था, उन दिनों के रोज़ों की क़ज़ा अनिवार्य नहीं है।

प्रश्न-यदि कोई व्यक्ति घर में बकरे या भेड़ पालता है, तो उन पर ज़कात कितनी अदा की जाएगी?

उत्तर-यदि चालीस संख्या पूरे साल रहेगी, तो ज़कात अनिवार्य होगी।

प्रश्न- यदि कोई नहीं जानता कि मुसाफ़िर का रोज़ा टूट जाता है और वह रोज़ा रखकर यात्रा करे, तो उसके रोज़े का क्या नियम है?

उत्तर-यदि वह व्यक्ति नियम को नहीं जानता और यात्रा में रोज़ा रख लेता है, लेकिन यदि यात्रा के दौरान नियम को जान जाता है, तो उसका रोज़ा टूट जाएगा, और यदि सूर्यास्त तक नहीं जान पाता है, तो उसका रोज़ा सही है।