लखनऊ, 27 जनवरी। मौलाना सै० जाफर मसऊद हसनी नदवी नाजिर आम, नायब नाजिम नदवतुल उलमा लखनऊ की हयात व खिदमात पर एक जलसा हुआ। उसकी अध्यक्षत सै० बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी नाजिम नदवतुल उलमा लखनऊ ने की। मौलाना सै० अम्मार अब्दुल अली हसनी नदवी नाजिरे आम नदवतुल उलमा मेहमाने खुसूसी की हैसियत से शरीक हुए। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली चेयरमैन इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया लखनऊ ने उद्घाटनीय सम्बोधन किया। जलसे का आरम्भ कारी तरीकुल इस्लाम की तिलावत कलाम पाक से हुआ। मौलाना जाफर हसनी मरहूम को मंजूम खिराज अकीदत मौलाना सै० अबुल हसन अली नदवी ने पेश किया। संचालन मौलाना नजीबुर्रहमान मलमली महासचिव ऑल इण्डिया मिल्ली काउन्सिल ने की। मेमहानों का स्वागत मसऊ जीलानी, अमीर खालिद और तारिक सिद्दीकी ने की।मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने अपने उद्घाटनीय सम्बोधन में कहा कि मौलाना जाफर हसनी मरहूम इल्म व अमल के पैकर थे। वह सादगी व नरम दिली, नाम व नमूद से दूरी, मोहब्बत व शफकत, खुलूस व खुशगवारी के हसीन पैकर थे। मेरे मौलाना से खुसूसी ताअल्लुकात थे। कई अहम मौके पर उनसे सलाह व मशवरा हुआ। वह जोश के बजाये होश से काम लेते थे। उनका नरमी से बात करना, सादगी, अखलास और दूसरों की बातों को सुनना, और उसको अहमियत देता हम सबको प्रभावित करती थी। मौलाना फरंगी महली ने कहा कि मोलाना जाफर बड़े आलिम थे कामयाब उस्ताद और सहाफी थे। उनकी वफात से हम सबको गरहा रंज हुआ। मौलाना कमाल अहमद नदवी मुशीर नाजिर आम नदवतुल उलमा खानदानी हालात उनकी तालीम व तरबियत का बयान किया। खूबियों की वजह से हम सबके महबूब थे। ने अपनी तकरीर में मौलाना मरहमू के उन्होने कहा कि मौलाना मरहूम अपनी मौलाना जावेद इकबाल नदवी ने मौलाना जाफर हसनी अपने दोस्तों की नजर में के विषय पर इज्हार ख्याल किया।मौलाना डा० फरमान नदवी उस्ताद दारूल उलूम नदवतुल उलमा ने मोलाना मरहूमकी इस्लामी इल्मी, अदबी और सहाफती सरगर्मियों को विषय पर तकरीर की।मुफ्ती नौशाद आलम नदवी ने मौलाना मरहूमद की तदरीसी खिदमात पर इज्हार ख्याल किया। उन्होने कहा कि मौलाना मरहूमद हमारे मोहतरम व महबूब उस्ताद थे। मौलाना जकी नूर, डा० सुलतान शाकिर हाश्मी, मौलाना सै० बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी ने भी जलसे को सम्बोधित किया। जलसे का अंत मौलाना सै० बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी की दुआ पर हुआ। इस अवसर पर कारी इम्तियाज अहमद प्रताप गढ़ी, मौलाना फैजान नगरामी, अतहर नबी, मौलाना सुफयान निजामी, असलम नदवी एडवोकेट और डा० शुएब कुरैशी विशेष तौर पर शरीक थे