लखनऊ, 28 अक्तूबर।
इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल हुई। जिसमें उलमा, अधिवक्ता, माहिरीने तालीम और समाजी कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।
इस अवसर पर नदवतुल उलमा लखनऊ के सचिव मौलाना जाफर मसऊद हसनी नदवी, इस्लामिक सेन्टर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली के साथ मुईद अहमद, मोहम्मद खालिद, डा० अजीज खॉ, शेख सऊद रईस एडवोकेट, मो० असलम एडवोकेट, डा० फैज वारसी, मौलाना सुफयान निजामी ने बोर्ड के कामों के सिलसिले में अपने अपने सुझाव दिये। बोर्ड के अध्यक्ष ने सबके सुझाव को गौर से सुना और हाजिरीन को सम्बोधित करते हुए कहा कि शरीअतकी हिफाजत में उलमा-ए-फरंगी महल की बहुत अहम् सेवायें रही हैं। जिनको न केवल यह कि देश बल्कि पूरी दुनिया के उलमा मानते हैं। उन्होने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का लखनऊ शहर से बहुत गहरा सम्बन्ध रहा है। यह सिलसिला आज भी कायम है।मौलाना रहमानी ने बोर्ड के मकसद और उद्देश्यों पर राशनी डालते हुए कहा कि बोर्ड की स्थापना का मकसद शरीअत की हिफाजत और इत्तिहादे उम्मत है। उन्होने कहा कि इन मकसद के हुसूल में बोर्ड के तमाम जिम्मेदार सरगरम अमल हैं। उन्होने कहा कि बोर्ड का सबसे बड़ा कार्यनामा यह है कि इस में तमाम मसलक और मुसलमानों की तमाम अहम् संस्थानों व संगठनों का पूरा पूरा सहयोग प्राप्त है।बैठक को सम्बोधित करते हुए बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड अपने मकसद को पाने के लिए दारूल कजा कमेटी, इस्लाह-ए-मुआशरा कमेटी, तपहीम-ए-शरीअत कमेटी और लीगल सेली कायम है जो पूरे देश में अपनी सेवाओं को अंजाम दे रहे हैं।मौलाना जाफर मसऊद हसनी नदवी ने कहा कि हम सब को इस बात पर गौरव है कि हिन्दुस्तान के मुसलमानों को बोर्ड पर पूरा भरोसा है और यह बात भी काबिले इत्त्मिान है कि हजरत मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी की अध्यक्षता में बोर्ड शरीअत की हिफाजत के अपने कर्तव्य को अच्छी तरह से अंजाम देने कीकोशिश कर रहा है।मौलाना खालिद रशीद फरगी महली ने इस अवसर पर कहा कि बोर्ड की दारूल कजा की तहरीक को और सक्रीय करने की जरूरत है। उन्होने कहा कि मुसलमानों के मध्य जागरूकता पैदा करना बहुत जरूरी है कि अपने घरेलू मामले के हल के लिए दारूल कजा से सम्पर्क करें।जलसे का आरम्भ दारूल उलूम फरंगी महल के अध्यापक कारी कमरूद्दीन की तिलावत से हुआ। मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी ने मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।