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इमामबाडा सैयद तकी साहब अकबरी गेट पर शराए मोहर्रम की सातवीं मजलिस को विलायत के विषय पर सम्बोधित करते हुए मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कहा कि विलायत अली धर्म का हिस्सा हैं क्योंकि इसके बिना जब पैगम्बरों को पैगम्बरी नहीं मिली तो एक मुसलमान को दीन कैसे मिलेगी। पैगंबर ने कहा कि अली इब्न अबी तालिब की विलायत एक किला है जिसने भी इसमें प्रवेश किया वह बच गया। यह हर युग में आवश्यक था क्योंकि संरक्षकता का दावा करने वाले तो कई थे लेकिन जब अमल का समय आया तो कोई नहीं दिखा किसी भी स्थान पर इसीलिए अल्लाह ने कहा कि वली वह होगा जो नमाज़ स्थापित करेगा और रूकु की स्थिति में जकात देगा।
अंत में मौलाना ने इमाम हसन के अनाथ बेटे कासिम की शादी और शहादत का दिल छूलेने वाला मंजर बयान किया जिसे सुनकर मातम करने वाले रो पड़े। मजलिस के बाद जनाबे कासिम का ताबूत निकाला गया जिसकी मोमिनों ने जियारत की और मातम किया और तब़र्रूक तकसीम किया गया।
पैगंबर ने कहा कि अली इब्न अबी तालिब की विलायत एक किला है जिसने भी इसमें प्रवेश किया वह बच गया. मौलाना सैयद सैफ अब्बास
