प्रेस नोट
हज़रत ग़ुफ़रानमॉब की याद में सेमिनार एवं मजलिसे अज़ा
लखनऊ, 25 जनवरी 2024 दिलदार अली ग़ुफ़रान मआब फाउंडेशन के महासचिव मौलाना सै0 सैफ अब्बास नकवी ने बयान जारी करते हुए कहा कि बर्रेसग़ीर के पहले मुजतहिद एवं जामाए उश्शराएत और मरज ए तकलीद, प्रसिद्ध फलसफी जिन्होंने पहली बार भारत मदरस ए फेक़हो इज्तिहाद कायम किया। सैकड़ों छात्रों को ज्ञान के नूर से मुनव्वर किया और धर्म के प्रचार और इमाम हुसैन अ0स0 की मजलिस के प्रचार के लिए भारत के कोने कोने में बिखेर दिए। सभी उसूली विद्वानों और फ़ोक़हा के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिक्षक और इमामिया नमाज़े जमाअत व नमाज़े जुमा के संस्थापक, हज़रत सैय्यदुश शुहदा अ0स0 के सहीह ख़दु ख़ाल के प्रवर्तक। जा़करी को दुनिया में प्रामाणिक और शोधकर्ता बनाकर, इसे विद्वानों से मखसूस करना और शियाओं को एक राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत करना, साथ ही शियाओं के बीच से सूफीवाद और अख़बारवाद को समाप्त करना।
भारत में फ़िक़्हे जाफ़री के पहले प्रवर्तक, शरीयते हक़्क़ा के मुजतद्दिद और राष्ट्र के रहबर, अयातुल्ला हिल उज़मा सै0 दिलदार अली नकवी, जिन्हें गु़फ़रान मआब के नाम से जाना जाता है, जिनका निधन 19 रजब 1235 हिजरी को हुआ था, लगभग दो सौ दस साल हो गए हैं गु़फ़रान मआब अ0र0 के जलाये हुए दीपक से शिया समाज आज भी फ़ायदा उठा रहा है अतः आयतुल्लाह अमीरुल उलमा सै0 हमीदुल हसन साहब की अध्यक्षता में हज़रत गुफ़रान मआब की जीवनी और उनकी उपलब्धियों पर एक सेमिनार और मजलिसे अज़ा जन्नत मआब सैयद तकी साहब, अकबर गेट, लखनऊ में आयोजित 18 रजब अल मरजिब 1445 तक मुताबिक 30 जनवरी 2024, मंगलवार को बाद नमाज़े मगरेबैन आयोजन किया गया है।
सेमिनार में भाग लेने वालों में आकाए सीस्तानी के वकील हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन सै0 अशरफ ग़रवी साहब, और मुदीरे इसलाह मौलाना जाबिर जौरासी साहब, मौलाना सै0 फरीदुल हसन प्रिंसिपल जामिया नाज़मिया, मौलाना मुस्तफा अली खान साहब, मौलाना अतहर अब्बास साहब, मौलाना मुहम्मद रजा एलिया मुबारकपूरी, मौलाना अफजाल। हुसैन काजमी, मौलाना शबीहुल हसन साहब, मौलाना नफीस अख्तर, मौलाना कमर-उल-हसन, मौलाना नसीम खान, मौलाना सोहैल अब्बास, मौलाना मिर्जा वाहिद हुसैन, मौलाना आगा मेहदी आदि शमिल है।
यह जानकारी कार्यक्रम के संयोजक डॉ. आरिफ अब्बास ने दी है.
हज़रत ग़ुफ़रानमॉब की याद में सेमिनार एवं मजलिसे अज़ा
